2 क्या यही प्यार है.....
इंतजार.. इंतजार.... इंतजार.....
कितना इंतजार किया उसका
इंतजार आज भी है
कैसे कहू उससे
ये दिल बेकरार आज भी है
और वो.......
वो है के नजर भी नही मिलाती
वो है के खबर भी नहीं लेती
कैसी मुहब्बत है मेरी
जो असर भी नहीं करती
गुमसुम उदास रहती है दिलकी दुनिया
क्यु बेबस बेकरार समां रहता है
ख्वाबोंमे भी नहीं कटती
जिस मंजिलकी दूरीया
क्यु निगाहोमे वो इंतजार थमा रहता है
उस पथर दिलपर दिलको क्यु
आज भी ऐतबर होता है
क्या इसीको ये दुनिया प्यार कहती है
क्या प्यार ऐसा ही होता है.......
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